लाड़ली बहनों की संख्या धीरे-धीरे कम, छिंदवाड़ा जिले से बाहर हुए 7000 महिलाओं के नाम 

लाड़ली बहनों की संख्या धीरे-धीरे कम, छिंदवाड़ा जिले से बाहर हुए 7000 महिलाओं के नाम 
इस लेख में हम लाड़ली बहनों की संख्या धीरे-धीरे कम, छिंदवाड़ा जिले से बाहर हुए 7000 महिलाओं के नाम  के बारे में बात करने जा रहे हैं । अगर आपको कोई अन्य समस्या है तो नीचे कमेंट करें।

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ऐसा माना जा रहा है कि जब तक मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सत्ता थी तब तक लाडली बहनों का भविष्य उज्ज्वल था और उन्हें निरंतर बिना किसी समस्या की योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा था, लेकिन जब से मध्य प्रदेश में CM मोहन यादव की सरकार का गठन हुआ है तब से लाडली बहना योजना की नय्या डगमग हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार के पहले महीने में ही लाडली बहनों की संख्या प्रदेश में बहुत तेजी से कम हो रही है। 

मध्य प्रदेश में अभी हाल ही में 10 जनवरी को लाडली बहना योजना की आठवीं किस्त 1250 रुपए की पहली बार CM मोहन यादव द्वारा पात्र 1.29 करोड़ लाभार्थी महिलाओं के अकाउंट में ट्रांसफर की गई थी, हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में यह संख्या 1.32 करोड़ थी। आठवीं किस्त ट्रांसफर करने के दौरान प्रदेश में लाडली बहनों की घटती संख्या 2 लाख पाई गई थी लेकिन यह संख्या सिर्फ 2 लाख पर जाकर नहीं रुकी बल्कि अब इसमें और महिलाओं के नाम भी शामिल हो गए हैं। 

महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली सूचना के मुताबिक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से लाडली बहना योजना की लाभार्थियों की सूची से 7000 महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं। पूर्व में जिले में लाभार्थियों की संख्या 4 लाख 7 हज़ार थी, हालांकि इन महिलाओं के योजना से बाहर होने के अनेकों कारण है। ऐसी महिलाएं जो एक से अधिक योजना का लाभ उठा रही थी और कुछ ऐसी जो अधिकतर आयु होने के कारण योजना से बाहर हो गई हैं। 

4 लाख 7 हज़ार महिलाएं थी लाभार्थी  

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की 4 लाख 7 हज़ार महिलाओं ने लाडली बहना योजना की 7वीं किस्त का लाभ उठाया था लेकिन इस बार जनवरी में केवल 4 लाख महिलाओं को ही 8वीं किस्त प्राप्त हो सकी है, बाकी 7000 महिलाएं योजना के लाभ से वंचित रह गई। महिलाओं के योजना से वंचित होने के अनेकों कारण है जो हमने आगे इस आर्टिकल में बताये हैं। 

लाडली बहनों की संख्या घटने के कारण 

  • 60 वर्ष से अधिक आयु की अपात्र महिलाएं 

लाडली बहना योजना के अंतर्गत जो महिलाएं 1 जनवरी की स्थिति में 21 वर्ष पूर्ण कर चुकी है और 60 वर्ष की आयु से कम है सिर्फ वही योजना की पात्र है, लेकिन 5 हज़ार 660 महिलाएं ऐसी थी जो योजना से जुड़ने के बाद 60 वर्ष की आयु पार कर चुकी थी, वह अब योजना के लिए पात्र नहीं थी। इसके अलावा गूगल पर अपने लाडली बहना के अकाउंट में लॉगिन करते समय स्वयं से या सचिव द्वारा गलती से लाभ परित्याग के विकल्प को अपनाकर 369 पात्र महिलाएं योजना से बाहर हो गई।

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  • एक से अधिक योजना के लाभ वाली महिलाएं अपात्र  

लाडली बहना योजना के तहत लाभ लेने के लिए सिर्फ वही महिला पात्र है जो किसी और योजना का लाभ न ले रही हो, लेकिन बावजूद इसके कई महिलाएं ऐसी थी जो लाडली बहना योजना के अतिरिक्त अन्य योजना का लाभ ले रही थी इसलिए वह योजना के लाभ से वंचित रह गई और राशि उनके अकाउंट में नहीं आई, क्योंकि उनका आधार उनके अकाउंट से लिंक था है और एक से अधिक योजना का लाभ लेने के कारण उनका डीबीटी बदल गया जिस वजह से पैसा उनके अकाउंट में नहीं आया। 

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नोट :- यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है, अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं…

निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमने आपको लाड़ली बहनों की संख्या धीरे-धीरे कम, छिंदवाड़ा जिले से बाहर हुए 7000 महिलाओं के नाम  से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है । यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करें, हमसे संपर्क करें हम आवश्यकतानुसार आपकी समस्या का समाधान करेंगे।