“एक देश एक चुनाव” करवाना चाहिए या नहीं, सरकार ने मांगी देश की जनता से राय आप भी अपना वोट दें

“एक देश एक चुनाव” करवाना चाहिए या नहीं, सरकार ने मांगी देश की जनता से राय आप भी अपना वोट दें
इस लेख में हम “एक देश एक चुनाव” करवाना चाहिए या नहीं, सरकार ने मांगी देश की जनता से राय आप भी अपना वोट दें के बारे में बात करने जा रहे हैं । अगर आपको कोई अन्य समस्या है तो नीचे कमेंट करें।

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एक देश एक चुनाव करवाने को लेकर देश की जनता से केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति ने राय मांगी है। बता दे कि अभी कुछ समय पहले एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें देशभर की जनता से ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने को लेकर राय मांगी थी, इसके लिए समिति द्वारा एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया है और अपनी राय साझा करने के लिए सरकार ने देश के नागरिकों को ईमेल और वेबसाइट की सुविधा उपलब्ध कराई है। 

एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर देशभर में लंबे समय से बहस चल रही थी। केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल को पास करने से पहले सभी राज्य सरकारों से सहमति मांगी थी, हालांकि एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर कई राजनीतिक दलों की तरफ से असहमति है। इसी मुद्दे पर चर्चा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रत्येक राज्य की सरकार से एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर राय प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य के नागरिकों को एक इस विषय में अपनी-अपनी राय रखने के लिए वेबसाइट और ईमेल की सुविधा दी गई ह, जिस पर जाकर नागरिक एक राष्ट्र एक चुनाव करवाना चाहिए या नहीं के विषय में अपनी राय पेश कर सकते हैं। 

एक राष्ट्र एक चुनाव का बिल ला सकती है सरकार 

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने को लेकर केंद्र सरकार लगातार चुनाव आयोग पर जोर दिए जा रही है। एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर संपूर्ण भारत में एक लंबे समय से बहस चल रही है, साथ ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी कई राजनीतिक बैठकों और सार्वजनिक सभाओं में बिल को लाने को लेकर चर्चा कर चुके हैं, हालांकि एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर कई राजनीतिक दलों को आपत्ति है। 

एक राष्ट्र एक चुनाव कराने का उद्देश्य  

एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर किए जा रही है, जिसके पीछे केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य देशभर में हर कुछ महीने में होने वाले चुनाव के खर्चे को रोकना है।

केंद्र सरकार का कहना है कि देशभर में हर 2-3 महीनों में किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं जिससे पैसा और समय दोनों ही बड़े पैमाने पर खर्च होते हैं, साथ ही चुनाव के कारण राज्य के नेताओं का सारा ध्यान चुनाव में सफलता प्राप्त करने में लग जाता है फिर राज्य में हो रही गतिविधियों पर वह ध्यान नहीं दे पाते। इसलिए जरूरी है कि राष्ट्र में सभी चुनाव बार-बार न होकर एक बार नहीं कर दिए जाएं। 

समिति ने मांगी जनता से राय 

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने का जिम्मा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति को मिला है। उच्च स्तरीय समिति ने एक साथ चुनाव कराने के विषय में राष्ट्र की आम जनता से अपनी सहमति मांगी है। बता दें कि समिति ने आम नागरिकों से लिखित रूप में अपने विचार साझा करने के लिए नोटिस जारी किया है। 

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15 जनवरी तक यहां दें अपने सुझाव  

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्र की आम जनता से उनके सुझाव देने के लिए 15 जनवरी 2024 तक का नोटिस जारी किया है आम नागरिक समिति की इस वेबसाइट onoe.gov.in. पर जाकर या फिर इस ईमेल [email protected] के माध्यम से अपने विचार सांझा कर सकते हैं। 

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नोट :- यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है, अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं…

निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमने आपको “एक देश एक चुनाव” करवाना चाहिए या नहीं, सरकार ने मांगी देश की जनता से राय आप भी अपना वोट दें से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है । यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करें, हमसे संपर्क करें हम आवश्यकतानुसार आपकी समस्या का समाधान करेंगे।